आसमांमे जब यूं सितारे चमचमातें
फीर किसी बहाने से हमें वो याद आतें
ये शहेर सारां सपनोंमे डूब जातां
कही चाँद मेरे सिनेमे चूभ जातां
हलकें हाथों से जब चाँद निकाला हमने
एक टुकडा चाँद का रेह गया सिनेमे
और एक टुकडा दिल का था गया सिनेसे
तबसे लेके आज तक
ना कभी चाँद नजर आया पुरा
दिलभी धडका किया तो अधुरा अधुरा
चाँद के दागके मशहूर किस्से है
दाग कैसे वो तो इस दिल के हिस्से है
इसिलिए किसी रोज जब वो नजर आये
तो आसमांमे चाँद भी धडकता है
और इधर दिल का हर कोना ठंडी रोशनि सें उजलता है
- प्रसाद साळुंखे
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